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रंग बिखर जाता है

तू सामने है

कल और आज

बैठो हमारे रूबरू

ख़ाब हो गए

सु शांत सर

मेरे अंदर तू, मेरे बाहर तू

हमारी दुनिया

तलाश जारी है

बे-शक मुहब्बत

मन काग़ज़ की नाव

चाँद का इशारा

संघर्षों का दौर