रंग बिखर जाता है



उनकी मुस्कुराहट से, फिज़ाओं में रंग बिखर जाता है।
नमाज़ किसी भी वक़्त की हो, पर मेेरेे यार का ज़िक्र आता हैै ।

अरे बहुत से होंगे चाँद ख़ुदा की उस जन्नत में,
पर ज़िक्र ज़मी का हो, तो मेरे यार का नाम सबसे उपर आता है। 

Comments