शीशों पे कई बार उतारा है , on June 05, 2020 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps हमने भी महब्बत को, शीशों पे कई बार उतारा है , आँसुओं में सनी जुल्फ़ों को कई बार साँवरा है , क्या हुआ जो अब हम उनके ज़िक्र में नहीं शामिल , ऐसे न सही ,कम स कम शीशों पे, तो वो हमारा है अल्फाज़ Comments
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