दुल्हन बनूँ मैं तेरी


दुल्हन बनूँ मैं तेरी


बाबुल की गलियां छूट गयीं,
सब सखियाँ मुझसे रूठ गयीं, 
बचपन की गुड़िया टूट गयी,
तेरी बतियाँ निंदियाँ लूट गयीं, 

राहें देखा करूँ मैं तेरी, 
दुल्हन बनूँ मैं तेरी।। 

मेरी मेहंदी का रंग तू, 
आँखों का काजल तू, 
पायल की छन छन तू, 
चूड़ी की खन खन तू, 

साँसों में महका करूँ मैं तेरी, 
दुल्हन बनूँ मैं तेरी।। 

जीवन संग तेरे बस जोड़ा, 
अपनों से नाता तक तोड़ा, 
रूठूं तो पास मेरे तुम होना, 
लेकर मुझको बाहों में सोना, 

तू जिस्म मेरा,मैं जान बनूँ तेरी, 
दुल्हन बनूँ मैं तेरी।।।। 

अल्फाज़

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