तू बहती जाए मीलों तक, मैं साथ में बहता जाऊँ
तू घुल जाए मेरे अंदर, मैं तुझमें घुलता जाऊँ
तुझमें बहती गरमहाट को, मैं शीतल करता जाऊँ
कोई देख सके ना तुझको, मैं तुझपे ऐसा छा जाऊँ
नज़र लगे ना तुझको, मैं गहरा काला बन जाऊँ
तेरी छुअन को पाकर मैं बरसूँ, तुझको गीला कर जाऊँ
कहीं दूर समन्दर के कोनों में, मैं तुझमें मिल जाऊँ
तू बनी हवा, मैं संग तेरे ऐसा बादल बन जाऊँ
तू बहती जाए मीलों तक, मैं साथ में बहता जाऊँ
अल्फाज़
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