लिखना सिखाया है



लिखना सिखाया है


आप लोगों के ही हुस्न ने , हमें लिखना सिखाया है 

आप की जवानी ने ही , बंद कलम को चलना सिखाया है 

ओ हुस्न की मलिकाओं , अब हमें आप बदचलनी की तोहमत ना दीजिये 

क्युंकि आप लोगों ने ही तो हमें " शायर " बनाया है 






अल्फाज़ - अल्फाज़

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