सैलाब नज़र आयेगा


 सैलाब नज़र आयेगा


अभी तो बस लिखना सीख रहा हूं ,
दर्द कहाँ नज़र आयेगा ।।

एक बार टूटने तो दो, इस कम्बख्त दिल को ,
फ़िर " अल्फाज़ " नहीं , दर्द का सैलाब नज़र आयेगा 


- अल्फाज़

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