चूम लेते थे ,,


 चूम लेते थे ,,



अरे क्यूँ करते हो अब बदनाम मेरे नाम को ,

एक वक़्त था जब उतार कर काग़ज़ पे इसे तुम चूम लेते थे ,, 

सजा के कलम से ये नाम अपने सीने पे ,

नंगे बदन , तुम पूरा शहर घूम लेते थे ,,, . 

- अल्फाज़

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