फिर वही मोड़


फिर वही मोड़




दुनिया से मैं बेगाना हुआ ,

जबसे तुमसे ये दिल लगाना हुआ ,,

लौट कर आ गए फिर उसी मोड़ पर ,

गुज़रे जहाँ से ज़माना हुआ ,,,


- अल्फ़ाज़

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