हमने सोंचा है अब

हमने सोंचा है अब



हमने सोंचा है अब ,
के तुम्हें याद ना करें

आँखों में लिए आँसू उस ख़ुदा से,
तुम्हारे इश्क़ की फ़रियाद ना करें

पत्थर दिल निकले तुम सनम ,
जो हमें ज़ार ज़ार कर दिया

तबीयत से खेला मेरे इश्क़ से
ये जिस्म भी तार तार कर दिया

सोंचते हैं हम, के खुद को बर्बाद ना करें
तुम्हारे इश्क़ की अब  फ़रियाद ना करें

हमने सोंचा है अब,
के तुम्हें याद ना करें


- अल्फ़ाज़

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