मेरे मालिक



मेरे ख़ुदा मेरे होने का मुझे मकसद् दे दे 


काबे की कोई रात या तेरी दरगाह की चौखट देदे

टूटा हूँ दुनिया के सिसकते दर्द से मेरे मालिक

कर दे करम मुझपे , मुझे इस दर्द से राहत दे दे 



- अल्फ़ाज़

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