आ मेरी जान





आ मेरी जान तारों से तेरी मांग सजा दूँ 

आसमानी दुनिया को तेरे कदमों में बिछा दूँ 

कितनी मिन्नतों से तू मेरी दुनिया में आया है 

आ तुझे इस दुनिया का सरताज बना दूं 

ये पहली रात अपनी यादगार बना दूँ 

साँस जिससे लूँ मैं तुझे वो बयार बना दूँ 

अब तो इस क़दर तुझे खुद में बसाया है 

हर रोज़ सुन सकूँ तुझे, मैं वो आवाज़ बना दूँ - 

अल्फ़ाज़

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