वक़्त
रोकना चाहा जिसने, वो उलझ के सुइयों में रह गया,
वक़्त की बहती धारा में , संग उसके बह गया !
वक़्त ही बनाता है , और वक़्त ही मिटाता है ,
वक़्त ही है " काल " और वक़्त ही " विधाता " है !
वक़्त ही है " काल " और वक़्त ही " विधाता " है !
सही कीमत जो भी , इस वक़्त की लगाता है ,
किस्मत की रेखाएँ उसकी ये वक़्त बदल जाता है !
किस्मत की रेखाएँ उसकी ये वक़्त बदल जाता है !
अपने इस लम्बे अनुभव से ये , वक़्त हमें बतलाता है
मत रोको , मेरे साथ चलो , ये सीख हमें सिखलाता है ! -
- अल्फाज़
Comments
Post a Comment
if any one have doubts then plz let me know