एक मुलाक़ात सही, एक और बात सही
दरमियाँ तेरे मेरे, उखड़े हालात सही
आज़दियाँ तुझको सही , बंदिशे मुझपे सही
गुल ए गुलज़ार तमाम्, तेरे पैरों में रहें
मुझे काँटों का बना , टूटा हुआ ताज सही
झूठे अल्फ़ाज़ सही , हम धोखेबाज़ सही
चाँद की रौशनी भी , तेरे माथे पे सजे
जहाँ रख दे तू कदम , दिलों पे राज करे
ऊँचे महलों का तुझे , " मान सम्मान " सही
हमें तो चौखटों से , मिला " अपमान " सही
एक मुलाक़ात सही , एक और बात सही
दरमियाँ तेरे मेरे उखड़े हालात सही
-अल्फ़ाज़
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