मैं तुझमें फ़ना हुआ
तू समझे या ना समझे
मैं तुझमें रमा हुआ
तेरा इश्क़ ईबादत मेरी
तू मेरा ख़ुदा हुआ
तू ही मेरा मंदिर
तू ही गिरजा हुआ
तू ही मेरा उगता सूरज
तू ही उगता चांद
तू ही मेरी लाल सुबह
तू ही कत्थाई साँझ
तू ही मेरा अल्लाह है
और तू मेरा राम्
बस तेरा सजदा करता हूँ
सुबह हो या शाम
मेरी हर नस - नस में
तू है जमा हुआ
तू माने या ना माने
मैं तुझमें फ़ना हुआ
अल्फाज
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