प्यार की निशानी



ज़रा जोर से चली हवा , तेरा आंचल सरक गया,,

तेरे बलों की खुशबू से मेरा आंगन महक गया ,, 

तेरी गर्दन पे पड़े ये नील, मेरे होठों की है कहानी 

बलखाती कमर पे मेरे नाखूनों की निशानी ,, 

तेरे जिस्म की भीनी खुशबू मेरी साँसों में घुल गयी 

कुछ ऐसा बरसा सावन , ये जवानी मचल गयी

मेरे दिल में बजती सरगम , होठों पे साज़ हैं 

लिखने वाला कोई और नहीं तेरा " अल्फ़ाज़ " है

अल्फाज़

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