याद आता नहीं




आजकल और कुछ याद आता नहीं
तू ही तू छा रहा मेरी आँखों में यार

मन से तेरा खयाल कहीं जाता नहीं 
तू ही तू बस गया मेरी रग रग में यार 

कैसे तुझको छुपा लें हम दिल में कहीं 
फिर बस हो जाए गुम् हम कहीं ना कहीं

ढूंढे हमको जमाना , हम मिले ना कभी 
बस एक तू हो मेरे पास , मैं तेरे पास 
कट जाए हर जनम यूँ ही बस एक साथ ..... 

अल्फाज़

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