कभी बादल भी हमारे इश्क़ के राग गाया करते थे.
हम तुम भी कभी बारिश में भीग जाया करते थे,
मेरे पाँव पे रख कर पाँव तुम्हें चलना अच्छा लगता था,
कंधों पर रख कर सर हम घंटों सो जाया करते थे,
एकदम से वो मौसम बदल गया,
मैं टूटा, पर तू संभल गया,
वो बादल अब लौट ना लौटेंगे,
ना राग़ हमारे गायेगें -
अल्फ़ाज़
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