चल पड़ी दास्ताँ इश्क़ की,, आहिस्ता आहिस्ता
कोशिश बहुत करी, थम जाये मेरे ये कदम,
पर चल पड़े आपकी ओर,, आहिस्ता आहिस्ता
चढ़ने लगा सुरूर तेरा, मेरे माथे पे इस कदर,
जैसे बढ़ रहा हो बाज़ार कोई,, आहिस्ता आहिस्ता
करवाओ मेरा इलाज़, या रूख़ करो मेरे हक़ीम का,
कहीं थम जाए ना सांस मेरी,, आहिस्ता आहिस्ता
-अल्फ़ाज़
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